विद्वान सत्र न्यायधीश अमरनाथ केशरवानी की अदालत ने एक महिला को अपने बेटे की हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड से दंडित किए।
यह महिला अमरूनिशा 30 वर्ष ग्राम रिसेवाड़ा थाना बहेला निवासी है। जिसने अपने 12 वर्षीय विकलांग बेटे फरहान अख्तर की हसिया पावसी से घायल कर गंभीर रूप से घायल कर दी थी। जिसकी नागपुर के मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।
अभियोजन के अनुसार
22 अप्रैल 2018 को बहेला पुलिस थाना पदस्थ उपनिरीक्षक सतानन्द भारद्वाज को क्षेत्र भ्रमण के दौरान मोबाइल पर सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम रिसेवाड़ा के मौलाना की पत्नी ने अपने बच्चे को काट डाली है लोगों की भीड़ जमा हो गई है। उक्त सूचना पर वह मौके पर पहुंचे तो लोगों ने मौलाना की पत्नी अमरू निशा को घेरकर रखे थे और घायल फरहान अख्तर को 108 एंबुलेंस में उसके पिता एक नौशाद द्वारा इलाज के लिए शासकीय अस्पताल लांजी ले गए हैं।
मामले में अमरूनिशा के विरुद्ध धारा 307 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर उसे इस अपराध में गिरफ्तार किया था। लांजी अस्पताल से फरहान अख्तर को मेडिकल कॉलेज नागपुर रिफर किया गया था जहां उपचार के दौरान 22 अप्रैल 2018 को फरहान अख्तर की मौत हो गई । मर्ग जांच उपरांत इस मामले में अमरूनिशा के विरुद्ध धारा 302 भादवि का इजाफा किया गया।
विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। इस मामले में शासन की ओर से लोक अभियोजक मदन मोहन द्विवेदी ने पैरवी की थी।