अमेरिका ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने उसके अधिकारियों को धमकी दी है। उसने अमेरिकी अधिकारियों को भारत-चीन रिश्तों पर कुछ न कहने की चेतावनी दी है। पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, भारत के साथ बॉर्डर पर भी टेंशन कम करना चाहता है। इसके पीछे चीन का मकसद साफ समझ आ रहा है। चीन नहीं चाहता कि भारत और अमेरिका की नजदीकियां बढ़ें।
चीन को आशंका है कि अगर भारत और अमेरिका की नजदीकियां बढ़ीं, तो हो सकता है कि भारत, चीन के साथ अपने रिश्तों में कटौती कर दे। ऐसा हुआ तो चीन के ट्रेड पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। दरअसल, भारत-चीन बॉर्डर का जिक्र करते हुए पेंटागन ने एक रिपोर्ट में लिखा कि 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प हुई। बावजूद इसके चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) में सैनिकों की तैनाती की। वो अब भी वहां इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है। दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य स्तर की बातचीत हुई पर इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
क्या हुआ था गलवान घाटी में
अप्रैल-मई 2020 में चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि 4 दशक से ज्यादा वक्त बाद LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। चीन के सैनिकों ने रात के समय कांटेदार तारों से लिपटे रॉड और डंडों से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था।
- गलवान घाटी संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे। भारत सरकार ने इसकी औपचारिक जानकारी साझा की थी। दूसरी तरफ, चीन ने कभी नहीं बताया कि उसके कितने सैनिक मारे गए थे।
- पिछले साल, ऑस्ट्रेलिया की न्यूज वेबसाइट ‘द क्लैक्सन’ ने अपनी एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट में में कहा था- पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में चीन के 38 सैनिक मारे गए थे।
- इस खुलासे के कुछ दिन बाद ही अमेरिकी मैगजीन ‘द न्यूज वीक’ ने भी इस घटना पर रिपोर्ट पब्लिश की थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गलवान घाटी की उस हिंसक झड़प में चीन के 60 सैनिक मारे गए थे।
भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है चीन
चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। 2021 में भारत का चीन के साथ व्यापार 9.3 लाख करोड़ रुपए था। भारत ने इस दौरान चीन से 7.2 लाख करोड़ रुपए का आयात किया, यानी चीन से इतने पैसे का सामान भारत ने खरीदा। भारत ने इस दौरान सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपए का चीन को निर्यात किया, यानी इतने पैसे का सामान चीन को बेचा।
भारत ये चीजों चीन को एक्सपोर्ट करता है
आयरन ओर (लौह अयस्क), पेट्रोलियम ईंधन, कार्बनिक केमिकल, रिफाइंड कॉपर, कॉटन यार्न। खाद्य वस्तुओं में मछली, सी फूड, काली मिर्च, वनस्पति तेल, वसा आदि प्रमुख हैं। इसलिए चीन को डर है कि अगर भारत ने उसे अपने रिश्ते कम किए तो उसे ट्रेड में काफी नुकसान होगा।