केरल के जाने-माने फिल्म निर्देशक अली अकबर ने परिवार सहित इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान किया है। इसके पीछे जो वजह उन्होंने बताई है, वो काफी हैरान करनेवाली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी की हेलिकॉप्टर हादसे दुखद मौत पर खुशी मनाने वालों के विरोध में वो इस्लाम छोड़ रहे हैं। मलयाली फिल्म निर्माता ने वीडियो में कहा, ‘यह स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूँ, न मेरा और न ही मेरे परिवार का कोई और धर्म है। मैं आज से मुसलमान नहीं हूं। मैं एक भारतीय हूं।’
रिपोर्ट के मुताबिक, 8 दिसंबर 2021 को सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद अकबर ने फेसबुक पर एक लाइव वीडियो शूट किया था, लेकिन फेसबुक ने उसे नस्लीय बताकर फिल्म निर्देशक के अकाउंट को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया। इसके बाद फिल्म निर्देशक ने दूसरा फेसबुक अकाउंट बनाया और उसके जरिए लाइव आकर इस्लाम छोड़ने का ऐलान कर दिया। दरअसल, जब फिल्म निर्देशक ने सीडीएस रावत की वीरगति पर लाइव वीडियो बनाना शुरू किया तो कट्टर इस्लामियों ने उनके वीडियो पर हजारों की संख्या में इमोजी लगाकर इसका मजाक उड़ाया, जिससे उनकी भावनाएँ आहत हुईं। उन्होंने जनरल रावत की मौत से संबंधित खबरों के नीचे खुशी वाली इमोजी डालने वालों की आलोचना की और कहा कि वह ”राष्ट्र-विरोधियों” के साथ खड़े नहीं हो सकते।
कौन हैं अली अकबर?
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अकबर ने अपने बयान से हंगामा खड़ा किया हो। साल 2015 में उन्होंने खुलासा किया था कि मदरसा में रहने के दौरान एक ‘उस्ताद’ ने उनका यौन शोषण किया था। अली अकबर के इस साल अक्टूबर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य समिति के सदस्य के रूप में सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वह बीजेपी के राज्य सचिव एके नजीर के खिलाफ केरल इकाई की संगठनात्मक स्तर की कार्रवाई से ”दुखी” थे। हालांकि अकबर ने कहा था कि वह बीजेपी के सदस्य बने रहेंगे।
पेशे से निर्देशक, पटकथा लेखक और गीतकार 58 वर्षीय अकबर का जन्म 1963 में केरल के वायनाड में हुआ था। वे प्रमुख रूप से मलयालम सिनेमा में काम करते रहे हैं। अकबर ने अपनी फिल्मी पारी की शुरुआत साल 1988 में आई फिल्स से निर्देशक के तौर पर की थी। उनकी कुछ मशहूर फिल्मों में ग्राम पंचायत (1998) और सीनियर मैंड्रेक (2010) शामिल हैं।