ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में प्रशासन ने नियमित दर्शनार्थियों के लिए गाइडलाइन तय कर दी है। अब दर्शनार्थियों को बायोमेट्रिक मशीन पर उपस्थिति दर्ज कराने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। दर्शनार्थियों के लिए प्रतिमाह 90 फीसद उपस्थिति अनिवार्य की गई है। श्रद्धालु दिन में केवल एक बार भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कलेक्टर आशीषसिंह के निर्देश पर नियमित दर्शनार्थियों के लिए नई गाइडलाइन बनाई गई है। नई व्यवस्था के तहत दर्शनार्थियों को सुबह 7 से 9 बजे तक तथा शाम को 6 से रात 8 बजे तक मंदिर के 4 नंबर गेट से नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा।
श्रद्धालुओं को प्रवेश द्वार पर लागाई गई बायोमेट्रिक मशीन में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद भीतर प्रवेश मिलेगा। दर्शनार्थी दिन में एक बार निर्धारित व्यवस्था से भगवान के दर्शन कर सकते हैं। नियमित दर्शनार्थियों को अपने साथ किसी अन्य व्यक्ति या परिवार के सदस्य को मंदिर के भीतर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्रावणमास आदि पर्व त्योहार के दिनों में निर्धारित व्यवस्था अनुसार भक्त मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। प्रशासक धाकड़ ने स्पष्ट किया है कि मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले दर्शनार्थी भविष्य में इस सुविधा का लाभ प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
बता दें महाकाल मंदिर में करीब दो हजार श्रद्धालु नियमित दर्शनार्थी के रूप में भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे हैं। अब तक इनके प्रवेश आदि को लेकर कोई नियम नहीं था। इससे लगातार इनकी संख्या में इजाफा हो रहा था। मंदिर प्रशासन अब प्रतिमाह 90 फीसद हाजरी के नियम का कड़ाई से पालन कराएगा। जिस श्रद्धालु की हाजरी कम होगी उन्हें भी आने वाले समय में सुविधा से वंचित होना पड़ेगा।
भगवान महाकाल को चांदी का छत्र भेंट
महाकाल मंदिर में मंगलवार को भक्त भूपेश व्यास ने 530 ग्राम चांदी का छत्र भेंट किया। सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने छत्र प्राप्त कर मंदिर समिति की ओर से दानदाता को विधिवत रसीद प्रदान की। इसी प्रकार मंदिर समिति की चिंतामन स्थित गोशाला में भक्त धीरज सेन ने गिर नस्ल की एक गाय भेंट की है।