मोदी-पुतिन की बैठक में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल पर हो सकता है फैसला, सप्लाई शुरू करने पर जोर देगा भारत

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर जा रहे हैं। वो 8-9 जुलाई को मॉस्को में रहेंगे। लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9 जुलाई को मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बातचीत में कई दूसरे मुद्दों के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइलों की सप्लाई को फिर शुरू करने के भारत के अनुरोध पर भी चर्चा होगी। बातचीत में एस-400 सिस्टम की सप्लाई के लिए किसी तारीख पर कोई सहमति बन जाने की उम्मीद है।

भारत और रूस में अक्टूबर 2018 में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए डील हुई थी। 5 अरब डॉलर की इस डील में भारत ने पांच एस-400 मिसाइल सिस्टम का ऑर्डर दिया है। इनमें से तीन अमेरिकी दबाव और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद डिलीवर की जा चुकी हैं। दो मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी अभी बाकी है। एस-400 ट्रायम्फ रूस में विकसित हुई सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम (एसएएम) है। ये विमान, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइल के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है। एस-400 की मारक क्षमता 30 किमी की ऊंचाई के साथ 400 किमी तक है।

हथियारों के लिए भारत की रूस पर निर्भरता घट रही

नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन की ये बैठक ऐसे समय हो रही है जब रूस से भारत का सैन्य आयात साठ वर्षों में सबसे कम है। भारत कई पार्ट और कंपोनेंट खुद बना रहा है, साथ ही पश्चिमी देशों से आयात करने का विकल्प भी खुला रखा है। इसमें एक फैक्टर ये भी है कि रूसी कंपनियों ने भारत में राइफलों और गोला-बारूद के निर्माण के लिए ज्वाइंट वेंचर स्थापित किए हैं।

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन स्थित स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने इस साल 10 मार्च को अपनी रिपोर्ट में रूस पर भारत की निर्भरता में कमी का खुलासा किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस भारत का मुख्य हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है और उसके आयात का 36 प्रतिशत हिस्सा रूस से आता है लेकिन यह हालिया समय में काफी गिरा है। 2019 से 2023 के पांच साल के समय में 1960-64 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि रूस से आपूर्ति भारत के हथियार आयात के आधे से कम थी। इसी अवधि के दौरान फ्रांस ने भारत को 33 फीसदी और अमेरिका ने 13 प्रतिशत सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की।

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