श्री राम जन्मभूमी तीर्थ अयोध्या से निमंत्रण प्राप्त होने के बाद वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत मेंढकी के विद्वान संत श्री परम पूज्य बालमुकुंद दास जी महाराज 18 जनवरी को श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के साक्षी होने के लिये अयोध्या रवाना हुये। इस दौरान जगह-जगह विभिन्न संगठनों एवं धर्म प्रेमियों के द्वारा महाराज श्री के काफिले को रोककर हर्षोल्लास के साथ पुष्प वर्षा के साथ उनका स्वागत कर चरण वंदन किया गया। इस शुभ अवसर पर श्री परम पूज्य बालमुकुंद दास जी महाराज का काफिला उनके निवास से निकला जिनका ग्रामीणों ने बाजार चौक मेंढकी में स्वागत किया, जिसके बाद वह बालाघाट पहुंचे जहां विभिन्न स्थानों पर उनका स्वागत किया गया, तत्पश्चात नगर के तहसील कार्यालय वारासिवनी के सामने मार्ग पर अधिवक्ताओं एवं सामाजिक लोगों के द्वारा उनका स्वागत किया गया। इसके बाद पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल के जनसंपर्क कार्यालय में भाजपाइयों ने आतिशबाजी कर उनका स्वागत किया वही महाराज श्री का शाल श्रीफल से अभिनंदन किया गया जहाँ से उनका काफिला कटंगी की ओर रवाना हो गया। पदमेश से चर्चा में बालमुकूंद दास महाराज ने बताया की पिछले कर्मो के प्रतिफल मे जिले की जनता का प्रतिनिधित्व करते हुये अयोध्या मे श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा मे शामिल होने का अवसर मिला है। प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला जिसे उन्होंने स्वीकार किया वह उनके जीवन के गौरव के पल है। कई वर्षों की तपस्या का फल है जो अब सार्थक होने जा रहा है जिले से सनातन धर्म की ओर से सबका प्रतिनिधित्व करने प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने जा रहे हैं तो निश्चित ही आप सभी की भावना को रामलला के समक्ष समर्पित की जायेगी। महाराज श्री ने बताया कि मेरा पहले से ही धार्मिक क्षेत्र मे लगाव रहा है फिर भी लगभग दो साल पूर्व महाकौशल मे जबलपूर मे अयोध्या मे श्रीरामलला की स्थापना को लेकर चर्चा कार्यक्रम संपन्न हुआ था। जिसमे उन्हे भी पुरे क्षेत्र मे 10, 100, 1000 रूपये की रसीद से लेकर रामधून जैसे कार्यक्रम के लिये निर्देशित किया गया था उन्होने यह दायित्व पूर्ण सेवाभाव के साथ निभाया था जिसका प्रतिफल उन्हे यह गौरवशाली निमंत्रण अयोध्या का मिला है। महाराज श्री ने बताया कि वह यहां से नागपुर जायेगे जहां से लखनऊ ट्रेन के माध्यम से लखनऊ पहुचेंगे फिर अयोध्या की सभी ट्रेन रद्द है तो लखनऊ से 126 किलोमीटर अयोध्या है ऐसे में लखनऊ रेलवे स्टेशन पर श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट वाले लेने के लिए आएंगे जिसमें हमे अपनी सेवा में तीन लोगों के नाम दिए गए हैं। इसमें हमे एक लिंक भेजी गई थी जिसमें सुबह के मंजन से लेकर नाश्ता भोजन और विश्राम जैसी समस्त सेवा की जानकारी व्यक्तिगत मांगी थी वह हमने दे दिए हैं सभी आमंत्रण प्राप्त लोगो को एक प्रकार से राजकीय अतिथी की सेवा भी देने की तैयारी है। महाराज श्री ने बताया कि संघर्ष से संस्कार मिलते हैं जितना संघर्ष होगा व्यक्ति की भावना उतनी ही बलवान होगी। शंकराचार्य जी का अपना मत है वह उनके अनुसार सही हो सकता है पर जिन्होंने बलिदान दिया है उसकी अलग मर्यादा है हम किसी गांव में जाते हैं तो वहां उस गांव के नियम लागू होते हैं। इसमें बात रही मुहूर्त की तो भगवान राम का राज्याभिषेक करना था राजा दशरथ ने चारों तरफ चर्चा फैलाने कहा वही गुरु वशिष्ठ महाराज को बुलाकर मुहूर्त निकालना कहा तो महाराज ने कहा कि रामलला का अभिषेक के लिए मुहूर्त की जरूरत नहीं वह अभिषेक ही आजीवन मुहूर्त होगा जैसे रामनवमी को मुहूर्त की जरूरत नहीं होती वह दिन स्वयं मुहूर्त होता है। इस अवसर पर नगर सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे।