Pension News : पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने इन्हें आज एक नई सुविधा दी है। आम बजट में इसकी घोषणा कर दी गई है। अब केवल पेंशन आय वाले 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को अब आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी जाएगी। उन्हें आय का भुगतान करने वाले बैंक अपने बैंक खाते से आवश्यक कर काट लेंगे। यह बजट 2018 के बाद आया है जब वरिष्ठ नागरिकों को अधिक कर लाभ प्रदान करने के लिए कर कानून में बदलाव की घोषणा की गई थी। इनमें कर लाभ शामिल थे जैसे कि आयकर अधिनियम, 1961 में एक नया खंड 80TTB की शुरुआत, स्वास्थ्य बीमा कवरेज न होने की स्थिति में चिकित्सा व्यय में कटौती आदि। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि धारा टीटीबी के तहत, वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और डाकघरों से प्राप्त होने वाली 50 हज़ार रुपये तक की आय पर कटौती का दावा कर सकते हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस प्रकार की ब्याज आय प्रभावी रूप से 50 हज़ार रुपये तक की कर-मुक्त हो सकती है। इससे पहले, वरिष्ठ नागरिक बैंक और डाकघर के बचत खातों से ब्याज आय के लिए समान कर-छूट के हकदार थे, लेकिन केवल धारा 808TA के तहत 10,000 रुपये तक। अधिकांश वरिष्ठ नागरिकों के लिए बजट 2018 में 50,000 रुपये की कटौती सबसे बड़ी कर राहत थी, क्योंकि वे अपनी अधिकांश आय बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस योजनाओं से ब्याज के माध्यम से कमाते हैं। बैंक सावधि जमा ब्याज के लिए टीडीएस की सीमा भी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक साथ बढ़ा दी गई थी। वित्त मंत्री ने कहा कि 2020 में आयकर रिटर्न फाइलरों को भी बढ़ाकर 3.31 करोड़ से बढ़ाकर 6.48 करोड़ कर दिया गया है। सीतारमण ने सोमवार को केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज मंजूरी दी।
अन्य पेंशन या सामाजिक सुरक्षा योजना में कवर कर्मचारी भी ले सकता है APY का लाभ
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने ट्विटर पर अटल पेंशन योजना को लेकर लोगों को जागरुक किया है। पीएफआरडीए ने कहा कि 18 से 40 साल का असंगठित क्षेत्र का कर्मचारी, जो किसी भी दूसरी पेंशन या सामाजिक सुरक्षा योजना में कवर्ड हो, वह भी अटल पेंशन योजना को ज्वाइन कर सकता है। अटल पेंशन योजना सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही है। पीएफआरडीए ने ट्वीट में कहा, ‘सभी असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी जैसे- किसान, घर का कार्य करने वाले, सिक्युरिटी गार्ड्स, ऑटो ड्राइवर्स, निर्माण मजदूर आदि, जो 18 से 40 साल की आयु के हैं, अटल पेंशन योजना को ज्वाइन कर सकते हैं, चाहे वे किसी भी दूसरी पेंशन या सामाजिक सुरक्षा योजना में कवर्ड हों।’ अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) का संचालन पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किया जाता है। इस योजना के तहत आप हर माह 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक का पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का प्रीमियम इस बात पर निर्भर करता है कि आपको रिटायरमेंट के समय कितने रुपये की पेंशन चाहिए और योजना से जुड़ने के समय आपकी उम्र क्या है। इस योजना के सब्सक्राइबर मासिक, तिमाही या छह माह में अपना प्रीमियम जमा कर सकते हैं।
प्रति माह पेंशन प्राप्त करने के लिए हर महीने इतना देना होगा योगदान
आप अगर 18 साल की उम्र में एपीवाई से जुड़ते हैं, तो 60 वर्ष की आयु में 1,000 रुपये प्रति माह पेंशन के लिए आपको हर महीने 42 रुपये का योगदान देना होगा। वहीं, 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन प्राप्त करने के लिए आपको 60 साल पूरे होने तक हर महीने सिर्फ 210 रुपये जमा कराने होंगे। आपकी उम्र यदि 40 साल है, तो 1,000 रुपये की पेंशन के लिए आपको 291 रुपये और 5 हजार रुपये प्रति माह पेंशन के लिए 1,454 रुपये हर महीने जमा कराने होंगे। इस दौरान सब्सक्राइबर की मौत होने पर नॉमिनी को 8.5 लाख रुपये की पेंशन मिलेगी।इसके अलावा 3,000 रुपये के गारंटीड रिटर्न के लिए प्रीमियम की राशि 126 रुपये से 792 रुपये के बीच होगी। इसमें सब्सक्राइबर की मौत होने की स्थिति में उसके नॉमिनी को 5.1 लाख रुपये की एकमुश्त राशि प्राप्त होगी। चार हजार रुपये प्रति माह की पेंशन की बात करें, तो इसके लिए 18 से 39 साल तक की आयु के लोगों के लिए प्रीमियम 168 रुपये से 1,054 रुपये के बीच हो सकता है। वहीं, सब्सक्राइबर की मृत्यु होने की स्थिति में नॉमिनी को 6.8 लाख रुपये प्राप्त होंगे।
40 हजार से अधिक पेंशनर्स का होगा सत्यापन, बैंक खातों की होगी जांच
वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन का लाभ लेने वाले गाजियाबाद जनपद के कुल 44,272 पेंशनधारकों का सत्यापन किया जाएगा। जिससे कि सुनिश्चित किया जा सके कि कोई पेंशनधारक गलत दस्तावेज लगाकर पेंशन का लाभ तो नहीं ले रहा है। सत्यापन अभियान के दौरान अगर ऐसा मामला प्रकाश में आएगा तो पेंशनधारक का नाम योजना से हटाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन का लाभ लेने के लिए आवेदक कई बार गलत दस्तावेज लगा देते हैं। प्राथमिक जांच में ही इस तरह के कई मामले पकड़ में आ जाते हैं, जिस कारण योजना के लिए उनको पंजीकृत नहीं किया जाता है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो शुरूआती दौर में पकड़ में नहीं आ पाते हैं। ऐसे में विभाग द्वारा साल में दो बार सत्यापन अभियान चलाकर पेंशनधारकों का सत्यापन कराया जाता है। इस दौरान यह भी पता लगाया जाता है कि कोई मामला ऐसा तो नहीं है जिसमें पेंशनधारक की मृत्यु हो गई हो और उसके बैंकखाते में पेंशन जा रही हो। कई बार पेंशनधारक की मृत्यु के बाद उनके स्वजन इसकी जानकारी विभाग को नहीं देते हैं। इसलिए विभाग के कर्मचारी अब घर-घर जाकर पेंशनधारकों का सत्यापन करेंगे। उनके आसपड़ोस के लोगों से भी जानकारी की जाएगी।
पिछले साल पेंशनधारकों के सत्यापन अभियान में 300 ऐसे मामले प्रकाश में आए थे, जिसमें अपात्रों को पेंशन दी जा रही थी। इनमें कई पेंशनधारकों की मौत भी हो चुकी थी। विभाग ने कार्रवाई करते हुए खातों में भेजी गई पेंशन की राशि वापस ले ली थी। जिला प्रोबेशन अधिकारी, विकास चंद्र का कहना है कि जनपद में पेंशन का लाभ ले रहे सभी लाभार्थियों का सत्यापन कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। एक-एक पेंशनधारक के घर जाकर विभाग के कर्मचारी सत्यापन करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन अध्यादेश पर यूपी सरकार को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पेंशन अध्यादेश 2020 को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर भी नोटिस जारी किया है। वर्कचार्ज सेवा से स्थायी हुए 12 कर्मचारियों ने अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में अध्यादेश निरस्त करने की मांग भी की गई है। वर्कचार्ज कर्मचारी के तौर पर की गई सेवा को पेंशन के लिए कुल सेवा अवधि में शामिल किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के दो सितंबर, 2019 के फैसले को भी लागू करने की मांग की गई है।