लालबर्रा : मधुमक्खी के हमले में पति-पत्नी और बच्चे सहित एक ही परिवार के 5 लोग घायल

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लालबर्रा क्षेत्र में आने वाले ग्राम चंद्रपुरी में मधुमक्खी के हमले में पति पत्नी और उनके बच्चे सहित पांच लोग घायल हो गए। 21 जुलाई को 10:30 बजे करीब यह घटना उस समय हुई जब कृषक शिव प्रसाद भुजाड़े अपने परिवार के साथ कृषि कार्य कर रहे थे। मधुमक्खी के हमले में सभी घायल शिवपसाद पिता गोपीचंद भुजाड़े 45 वर्ष उनकी पत्नी सुनीता भजाड़े40 वर्ष बेटा रविंद्र भुजाड़े 22 वर्ष बेटी सुभाषिनी भजाड़े 18 वर्ष,स्वाति भुजाड़े 17 वर्ष को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।  प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवप्रसाद भुजाड़े ग्राम चंद्रपुरी निवासी अपने परिवार के साथ खेती किसानी करते हैं। 21 जुलाई को सुबह शिवपसाद  कृषि कार्य करने के लिए अपनी पत्नी सुनीता  और दो बेटी सुभाषिनी और स्वाति भुजाड़े के साथ खेत आ गए थे।

शिवपसाद खार खोद रहा था और उसकी पत्नी और दोनों बेटी परहा लगा रहे थे। 10:30 बजे करीब शिवप्रसाद का बड़ा बेटा रविंद्र  घर से आ रहा था। तभी खेत के पास नाला पार करते समय मधुमक्खी के झुंड ने रविंद्र पर हमला कर दिया। मधुमक्खी का अचानक हमला देख रविंद्र चिल्लाने लगा। बचाओ बचाओ आवाज सुनकर शिवपसाद और उनकी पत्नी दोनों बेटी दौड़ी देखी, रविंद्र अपने आप को मधुमक्खी से बचाते हुए नाली में गिरा पड़ा हुआ था तभी मधुमक्खियों ने शिवपसाद उसकी पत्नी और दोनो बेटी पर भी हमला कर दिया। इस दौरान खेत में भगदड़ मच गई । इघर उधर भागने लगे ।शिवपसाद अपनी पत्नी और बेटियों के साथ  मधुमक्खियों से  बचने  दौड़ते नाला आये और पानी में डूबते रहे। जिनकी आवाज सुनकर खेत पड़ोसी और गांव के लोग दौड़टे आये जिन्होंने चादर पाल से इन लोगों को ढाक कर मधुमक्खियों से बचाए और घर लाए ।इसी दौरान एक कृषक को भी मधुमक्खी के हमले का सामना करना पड़ा। शिवप्रसाद उनकी पत्नी और दोनों बेटियों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल बालाघाट लाकर भर्ती किया गया है ।सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई ।


नाला मे΄ डूबकर मधुमक्खी से जान बचाई-कृषक शिवप्रसाद भुजाड़े
इस संदर्भ में कृषक शिवपसाद  भुजाड़े ने पद्मेश न्यूज़ को बताया कि हम  सभी लोग खेत में काम कर रहे थे तभी लडक़ा रविंद्र घर से खेत आ रहा था। खेत के पास उसके चिल्लाने की आवाज सुने बचाओ बचाओ , आवाज सुनकर हम सभी लोग दौड़े तब मधुमक्खी हमारे ऊपर भी दौड़ गई हम लोग इधर-उधर भागे और नाला के पानी में डूबकर जान बचाई। हमारी आवाज सुनकर खेत पड़ोसी गांव के लोग आ गए थे जिन्होंने चादर, पाल ढंाक कर हमें घर लाए। जहां से उन्हें जिला अस्पताल लाके  भर्ती किया गया है।

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