विभिन्न मांगो को लेकर सरपंचसंघ ने उग्र आंदोलन की बनाई रणनीति

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15वें वित्त की राशि न मिलने से जिले की विभिन्न पंचायत में शासकीय निर्माण कार्य पूर्ण रूप से बंद हो गए हैं, तो वहीं विभिन्न निर्माण कार्य के लिए पंचायत को रेत भी नहीं मिल रही है। इसके अलावा सरपंचों को मिलने वाला वेतन भी शासन द्वारा नहीं दिया जा रहा है। ना ही मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों व मटेरियल ठेकेदारों को भुगतान किया गया है। वही लाडली बहना आवास योजना, व प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजना के कार्य पूर्णतः बंद से पड़े हैं।जिसको लेकर आ रही विभिन्न समस्याओं से पंचायतो के सरपंच काफी परेशान है। जिस पर अपनी नाराजगी जताते हुए जिला सरपंच संघ ने 9 सूत्रीय मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाई है। जिन्होंने मांग पूरी ना होने पर 12 फरवरी के बाद सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है ।
आंदोलन की इस रणनीति को बनाने के लिए गुरुवार को जनपद पंचायत सभा हॉल में जिला सरपंच संघ की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। जहां जिला सरपंच संघ व ब्लाक कार्यकारिणी की इस बैठक में विभिन्न पंचायत से आए पदाधिकारी ने बारी बारी से अपने विचार रखें। वही पंचायत के विभिन्न कार्यों व सरपंचों को आ रही विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया। तो वहीं सामूहिक रूप से इन समस्याओं के निदान के लिए ठोस रणनीति बनाई जाने की बात कही। जिस पर सभी ने सर्व सहमति से 5 से 12 फरवरी तक सभी ब्लॉकों में सरपंच एकता कार्यक्रम करने का फैसला कर ,इन कार्यक्रम के माध्यम से सरपंचों की सभी 9 सुत्रीय मांगों को लेकर गुहार लगाए जाने की बात कही ,तो वहीं उन्होंने 12 फरवरी तक उनकी समस्त मांगो को पूरा करने का अल्टीमेटम देते हुए मांग पूरी न होने पर जिले की सभी पंचायत को बंद कर उग्र आंदोलन शुरू किए जाने की चेतावनी दी है

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