बड़े मंचों से प्रदेश के मुखिया कमजोर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं का बखान तो करते हैं, लेकिन इन योजनाओं के लाभ से कई हितग्राही वंचित रह जाते हैं। जनपद पंचायत किरनापुर के सैकड़ों हितग्राहियों को एक साल से शासन की विवाह सहायता राशि नहीं मिली है। मंगलवार को क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता और कुछ ग्रामीण ज्ञापन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और स्वीकृत विवाह सहायता राशि दिलाने मांग रखी। बताया गया कि किरनापुर जनपद के कई गांवों से 311 नवविवाहिताओं को उनकी शादी के एक साल बाद भी योजना के तहत 51-51 हजार रुपए की राशि नहीं मिली है। यानी 311 हितग्राहियों को कुल 1 करोड़ 59 लाख 12 हजार रुपए मिलना बाकी है। सामाजिक कार्यकर्ता सिवनी खुर्द निवासी कल्पना मेश्राम ने बताया कि किरनापुर क्षेत्र के कई गांवों की युवतियों को शादी के लिए शासन की विवाह सहायता राशि के लिए स्वीकृत किया गया था। सभी परिवार निर्माण श्रमिक मजदूर हैं। तब उन्होंने जैसे-तैसे राशि जमाकर बेटियों की शादी कराई, लेकिन शादी के एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। कल्पना मेश्राम ने बताया कि मजदूर परिवारों ने योजना का लाभ पाने के लिए लोक सेवा केंद्र के माध्यम से जनपद पंचायत किरनापुर को आवेदन दिया गया था। प्रकरणों की जांच संबंधित अधिकारी द्वारा निश्चित समयावधि में कराई गई थी। तब जनपद क्षेत्र से 311 प्रकरण स्वीकृत हुए थे। जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया है। इस लेटलतीफी के कारण कई परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। क्योंकि कई परिवारों ने कर्ज लेकर तो किसी ने जमीन और गहने गिरवी रखकर इस उम्मीद से बेटी की शादी कराई थी, कि उन्हें शासन की योजन से आर्थिक मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि पिछले महीने लालबर्रा जनपद पंचायत के 510 परिवारों के पात्र हितग्राहियों को दो साल बाद भी विवाह सहायता राशि का लाभ नहीं मिलने का मुद्दा उठाया गया था।