वैनगंग किसान यूनियन के प्रदेश संयोजक अजेय विशाल बिसेन द्वारा एक निजी होटल में पत्रकार वार्ता लेते हुए बताया कि जिस प्रकार से रोजगार गारंटी योजना में मेड़ बंधान के कार्य किया जाता है उसी प्रकार आज किसानों के खेती किसानी से संबंधित सभी कार्यों को सरकार द्वारा रोजगार गारंटी योजना में जोड़ने की वह मांग करते हैं
वैनगंगा किसान यूनियन के प्रदेश संयोजक अजेय विशाल बिसेन द्वारा 9 जुलाई को एक प्रेस वार्ता ली गई जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वह अपने यूनियन के माध्यम से किसानों के हित को लेकर सरकार से मांग कर रहे हैं कि आज वर्तमान समय में जिस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती कर रहा है और उन्हें जिस प्रकार पहले मजदूरों की कमी नहीं होती थी किंतु आज ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर किसान को खेती करने में मजदूरों की कमी खल रही है एवं आज ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूर पलायन कर दूसरे शहरों में काम कर रहे हैं जबकि पंचायत द्वारा जो रोजगार गारंटी योजना चलाई जाती है उसमें कहीं ना कहीं ग्रामीणों द्वारा पंचायत के कार्यों में अधिक से अधिक भाग लेकर वह काम करते हैं किंतु किसानों के यहां आज मजदूर काम करना नहीं चाहता जिसको देखते हुए विशाल बिसेन द्वारा यह मांग सरकार से की जा रही है कि क्यों ना किसानों की खेती के काम को रोजगार गारंटी से जोड़कर किसानों एवं मजदूरों को पलायन से रोककर खेती के सभी कामों में रोजगार गारंटी योजना को जोड़ा जाए जिससे किसान अपनी खेती भी कर लेगा और जो मजदूर पलायन कर रहे हैं उन्हें काम भी मिल जाएगा यहां सोच एवं संकल्प के साथ वह प्रदेश स्तर पर इस अभियान को चला कर सरकार से मांग कर रहे हैं यह अभियान की शुरुआत जल्द ही लालबर्रा क्षेत्र से की जाएगी
पंचायत स्तर पर चलाई जाने वाली मनरेगा योजना को खेती के कार्यों से जोड़ा जाए-
आगे पत्रकारों से चर्चा करते हुए अजय विशाल विषय द्वारा बताया गया कि आज रोजगार गारंटी योजना को खेती से जोड़ने का समय आ गया है क्योंकि आज प्रदेश में सबसे बड़ी किसान को समस्या मजदूर नहीं मिलना बताया जा रहा है क्योंकि मजदूर द्वारा बड़ी मात्रा में पलायन किया जा रहा है क्योंकि किसान द्वारा उतनी मजदूरी उन्हें वहां नहीं दी जाती जिस कारण से मजदूर आज पलायन कर रहे हैं जबकि रोजगार गारंटी योजना से यदि खेती को काम को जोड़ देंगे तो निश्चित ही मजदूर को उनकी मजदूरी शासन स्तर के रेट पर मिल जाएगी और किसानों का काम भी हो जाएगा अधिकतर देखने में यही आता है कि जो मजदूर साल भर रोजगार गारंटी में काम करता है एवं जैसे ही किसानों के खेती किसानी का काम आता है तो वह अपने ग्राम अपने क्षेत्र से पलायन कर लेता है और वह सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि पंचायत स्तर पर चलाई जाने वाली मनरेगा योजना को खेती के कार्यों से जोड़ा जाए जिसमें किसानों के प्रमुख कार्य जैसे खरीफ एवं रबी में खार भराई, परहा लगाना, निंदाई करना, धान काटना, बोझे बांधना, गहानी करना दलहन, तिलहन, सब्जी उत्पादन कार्य आदि कामों को शामिल किया जाये
मनरेगा को किसानों के मेड़ बंधान से जोड़ा गया है उसी प्रकार सरकार चाहे तो किसान के प्रमुख कार्यों को भी मनरेगा से जोडे –
उन्होंने आगे बताया कि जिस प्रकार से मनरेगा को किसानों के मेड़ बंधान से जोड़ा गया है उसी प्रकार सरकार चाहे तो किसान के प्रमुख कार्यों को भी मनरेगा से जोड़ सकती है और उन्होंने इन सब विषयों को लेकर आज बालाघाट जिले से यह मांग सरकार के सामने रखी है और वह सरकार से मांग कर रहे हैं और उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा जो मांग उठाई गई है वह मांग जब तक पूरी नहीं होती तब तक उनका किसान साथी के साथ यह मांग सरकार के साथ चलती रहेगी
यह अभियान 15 जुलाई से किसी ग्राम से शुरू किया जाएगा और इसके लिए उन्होंने लालबर्रा क्षेत्र को चुना है
इस मांग में चलाए जा रहे अभियान को लेकर बताया कि उनके द्वारा एक फॉर्मेट बनाया गया है जिसमें जो भी किसान उनकी मांगों का समर्थन करता है और जो किसान चाहता है कि सही में खेती किसानी के काम को मनरेगा से जोडना चाहिए वह इस थाम के फॉर्मेट को भरकर देगा और इस कार्य को लेकर उनके साथियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वह किसानों तक पहुंच कर इस फॉर्मेट को बढ़ाने का काम किया जाएगा उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है वही उनके द्वारा यह भी बताया गया कि यह अभियान 15 जुलाई से किसी ग्राम से शुरू किया जाएगा और इसके लिए उन्होंने लालबर्रा क्षेत्र को चुना है