पहले तो अपनों के दुनिया से चले जाने का गम, फिर सिस्टम की वेपरवाही इस गम को और बढ़ा रही है। जीआरएमसी के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के वाद जान गंवाने वालों का सामान तक प्रबंधन नहीं लौटा रहा है। पर्स, मोबाइल, ऑक्सीमीटर से लेकर अन्य सामान जो मरीज के साथ अंदर चला जाता उसे लेने के लिए स्वजनों को भटकाया जा रहा है। सामान , यह तक सुपर स्पेशियलिटी का प्रवर्धन नहीं बता रहा है।
पुलिस कर रही अभद्रता, रविवार को पांच पीड़ित परिवार पहुंचे, लौटाया
रविवार को ऐसे चार परिवार अस्पताल और अपने दिवंगत स्वजन का सामान मांगा, लेकिन यहां रिसेप्शन काउंटर पर तैनात स्टाफ और बाहर पुलिसकर्मियों ने असंवेदनशील रवैया अपनाकर स्वजनों को भगा दिया। यह स्वजन हैरान हैं कि जिसका व्यक्ति चला गया उनके साथ ऐसा भी व्यवहार होता है। ज्ञात रहे कि जेएएच के सुपर स्पेशियलिटी में सबसे बेहतर व्यवस्थाओं का दावा खुद जेएएच प्रबंधन से लेकर प्रशासन करता है। इसी भरोसे के साथ मरीज को भर्ती कराने भेजा जाता है। यहां मरीज की मौत के बाद ऐसा व्यवहार होगा यह सोच से परे है। रविवार को चार परिवार के सदस्य यहां पहुंचे जिन्हें अप स्वजन का सामान वापस चाहिए था पर्स, मोवाइल, घड़ी, तकनीकी स्वास्थउपकरण आदि को लेकर लोग वापसी की मांग कर रहे थे, लेकिन यह लौटाया नहीं जा रहा है।
पहले लौटाया, दूसरे दिन बुलाया, अब बोले- थाने जाओ
मुरार में रहने वाली साक्षी पांडेय के पिता सुनील वासुदेव पांडेय का शनिवार को कोरोना संक्रमण के कारण जेएएच के सुपर स्पेशियलिटी में निधन हो गया था। रविवार को साक्षी अपने स्वजन के साथ पिता का सामान मोबाइल, ऑक्सीमीटर व अन्य चीजें वापस लेने पहुंचीं तो 3 स्पेशियलिटी के रिसेप्शन पर तैनात स्टाफ ने मना कर दिया। बाहर तैनात पुलिस फोर्स से सामान की मांग की तो उन्होंने कहा कि अंदर नहीं जाने देंगे, थाने में रिपोर्ट कराओ। इसी तरह साक्षी के साथ तीन और स्वजन अपने-अपने सामान के लिए परेशान हो रहे थे, उन्हें भी लौटा दिया गया।