वारासिवनी थाना अंर्तगत ग्राम आलेझरी के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक ने एक छात्र की बेदम पिटाई कर दी जिसे उचित उपचार के लिये शासकीय सिविल अस्पताल में भर्ती है। बताया जा रहा है की शिक्षक सुनिल रंगारे के द्वारा कक्षा १२ एग्रीकल्चर के छात्र गुनेन्द्र चौधरी के द्वारा गॉली देने के विषय को लेकर यह बेदम पिटाई की गई जिसमें बालक के बेहोश हो जाने के बाद भी मारा जाता रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल आलेझरी की कक्षा १२ वी एग्रीकल्चर का नियमित छात्र गुनेन्द्र पिता मोतीलाल चौधरी उम्र १८ वर्ष निवासी जागपुर का रहने वाला है। जो प्रतिदिन की तरह १७ जनवरी को विद्यालय आया हुआ था। शाम करीब ४ बजे आक्रोश में अकेले अपने मित्रों के साथ चर्चा के दौरान कुछ अपशब्द बोलने लगा जिसे सुनकर शिक्षक सुनील रंगारे ने छात्र गुनेश को स्टॉफ रूम में बुलाया और आक्रोश में आग बबूला होते हुये उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। जिसमें छात्र बेहोश हो गया उसके बाद भी शिक्षक उसे मारता रहा। इस दौरान उपस्थित स्टॉफ व छात्र छात्राओं ने किसी प्रकार का बीच बचाव नही किया। ना ही बेहोश विद्यार्थी को उठाया। जिसे उसके मित्रों के द्वारा उठाकर घर में लाया गया जिसके बाद इस घटना की जानकारी लगते ही पूरे ग्राम का माहौल गर्म हो गया है। जहां सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ लग गई जिसे देखकर शिक्षक मौके से फरार हो गया। जिस पर छात्र व उसके अभिभावक, सहित सहपाठी वारासिवनी थाना पहुॅचे और मामलें की रिपोर्ट दर्ज कराने की अपील करते हुये दिखाई दिये। इस दौरान पुलिस के द्वारा मुलाहिजा के लिये छात्र को सिविल अस्पताल भेजा गया जहां उसका उपचार जारी है। इस घटना में देखने आया की छात्र के शरीर पर विभिन्न हिस्सों में चोटे आयी है और वह चल नही पा रहा था।
स्टॉफ रूम में बुलाकर की पिटाई – पीडि़त
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये शिक्षक की मार से घायल हुये गुनेन्द्र ने बताया की वह आक्रोश होकर अकेला अपशब्द कह रहा था। जिसके बाद शिक्षक सुनिल रंगारे ने उसे व उसके मित्रों को कार्यालय में बुलाया और उसके साथ मारपीट की है। इस मारपीट में वो बेहोश हो गया था। जिसके बाद उसके साथ क्या हुआ उसे याद नही है।
किसी ने नही उठाया – नितिन
वही गुनेन्द्र के मित्र नितिन बघेले ने पद्मेश को बताया की जब शिक्षक सुनिल रंगारे की मार से गुनेन्द्र घायल होकर बेहोश हो गया था तो किसी ने नही उठाने पर वह अपने अन्य ३ मित्रों के साथ बेहोश पड़े गुनेन्द्र को उठाकर उसे कक्षा में ले गया जहां पर स्कूल के भगत सर आये और उनके साथ मिलकर हम लोगों ने गुनेन्द्र की मॉलिश कर उसे पानी पिलाया व जब उसे होश आया तो उसे उसके घर जागपुर लेकर गये।