जोहानसबर्ग: अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक डेल स्टेन ऐसा नाम हैं, जो बल्लेबाज के मन में खौफ पैदा करने के लिए जाने जाते रहे। तेज गति से गेंद को स्विंग कराने की क्षमता ने सालों में दिग्गजों को खूब परेशान किया। मगर स्टेन के अपने भी कुछ ट्रिक्स थे ताकि ज्यादा विकेट अपने नाम कर सकें और उन बल्लेबाजों पर समय न बर्बाद करें, जिन्हें वो परेशान नहीं कर पाएं।
क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज ने अपने करियर के कई रोचक किस्सों का खुलासा किया। सचिन तेंदुलकर के बारे में बात करते हुए 38 साल के तेज गेंदबाज ने स्वीकार किया कि उन्होंने जानबूझकर महान भारतीय बल्लेबाज को एक रन दिया था ताकि अन्य (जो सचिन तेंदुलकर की तुलना में कमजोर थे) बल्लेबाजों को गेंदबाजी कर सकें।
स्टेन ने एक वेबसाइट से कहा, ‘हां, बिलकुल। तेज गेंदबाज के रूप में मैं पूरे दिन दौड़कर तेज गति से गेंद डालना चाहता था। मगर कभी आपको पता होता है कि दूसरे छोर पर खेल रहे बल्लेबाज को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उसे चिंता ही नहीं। तो ऐसे में अपनी ऊर्जा खराब करने का क्या फायदा। तो आप कमजोर लिंक पर ध्यान देते हो।’
बड़ी मछली को आउट करने का कोई फायदा नहीं: स्टेन
स्टेन ने स्वीकार किया कि दिग्गज बल्लेबाजों को आउट करने का कोई फायदा नहीं, क्योंकि वो आपकी गेंदों को आसानी से खेल रहे होते हैं। पूर्व तेज गेंदबाज ने समझाया, ‘वो हमेशा कमजोर कड़ी खोजते हैं ताकि ज्यादा देर क्रीज पर जम सके और यही मैंने भी अपने क्रिकेट में किया। बड़ी मछली को आउट करने का कोई फायदा नहीं, जब वो आपको आसानी से खेल रहा है। मैं छोटे बच्चे की तरफ जाता हूं और उनको एक के बाद एक करके अपना शिकार बनाता हूं। और मैं तब भी जीत जाता था। तो हां, सचिन तेंदुलकर को एक रन देकर अन्य बल्लेबाज को गेंदबाजी की।’