सर्वार्थसिद्धि योग में आज बुधवार काे बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई। पूर्णिमा तिथि मंगलवार को रात 8:30 बजे से शुरू हो चुकी है, जो बुधवार को शाम 4:43 बजे तक रहेगी। भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था। इसी कारण वैशाख मास की इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। महात्मा बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति भी वैशाख पूर्णिमा को हुई। इसके पश्चात महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान के प्रकाश से पूरी दुनिया में एक नई रोशनी पैदा की और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। बौद्ध धर्म के मानने वाले लोग बुद्ध पुर्णिमा के दिन घरों पर दीये जलाते हैं। ऐसी मान्यता है इस दिन धार्मिक कार्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
यह भी कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन तिल और चीनी का दान शुभ होता है। चीनी और तिल दान करने से अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है। हिंदू धर्म के अनुयायी इस दिन पितरों का तर्पण करते हैं। पितरों की आत्मा की शांति के लिए एवं उनके प्रकोप से बचने के लिए पिंड दान करते हैं। वैशाख पूर्णिमा को पिंड दान करने से पितरों की कृपा बरसती है, इससे घर परिवार में शांति बनी रहती है।