स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, भूख न लगना, दस्त लगना आदि लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज घर पर ही पारंपरिक उपचार लेते रहते हैं। ठीक होने की उम्मीद में पांच से सात दिन गुजार देते हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ होने के बजाय उनकी बीमारी बढ़कर जटिल हो जाती है।
प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ही इंदौर जिले में भी इस समय वायरल फीवर और डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं। कोरोना संक्रमण भले ही नियंत्रण में है, लेकिन अब भी लापरवाही नहीं की जा सकती है। अस्पतालों में वायरल फीवर और डेंगू के मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें का कहना है कि ऐसे समय हर परिवार को सावधानी रखना बहुत जरूरी है। मर्ज बिगड़ने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोविड-19 की जांच पाजिटिव आती है तो उपचार और जटिल हो जाता है।
ऐसे मरीजों को आक्सीजन की जरूरत होती है या आइसीयू में भर्ती कर उपचार करना पड़ता है। ऐसी बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों को सलाह है कि उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, हाथ-पैरों में दर्द, शरीर में ऐंठन, भूख न लगना, खाने और सूंघने में स्वाद का पता न लगना आदि लक्षणों के आते ही वे तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अथवा कोविड-19 की जांच करवाकर समय रहते उपचार लेकर स्वस्थ हों। कोरोना के दृष्टिगत ऐसे व्यक्ति भीड़भाड़ में न जाएं, आपस में दो गज की दूरी बनाकर रखें। हाथों को सैनिटाइज करते रहना अथवा हाथों को साबुन से धोते रहने जैसी आवश्यक सावधानियां बरतें।