सुप्रीम कोर्ट आज सोमवार (13 फरवरी) को अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई करेगा। एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने ये जनहित याचिका दायर की है। याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ।
इस मामले में पहली सुनवाई शुक्रवार (10 फरवरी) को हुई थी। इस दौरान चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, पर सुझाव देने को कहा था। SEBI की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट ने कहा था कि वे इस मामले पर सोमवार को पूरी जानकारी के साथ आएं। उधर, उधर, अडाणी ग्रुप ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को आधा कर दिया है।
याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ। तिवारी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। वहीं, शर्मा की याचिका में दावा किया गया है कि रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया, और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे।
याचिकाओं में FIR दर्ज करने और जांच की मांग
- मनोहर लाल शर्मा ने याचिका में SEBI और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और FIR करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
- विशाल तिवारी ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग की। तिवारी ने अपनी याचिका में लोगों के उन हालातों के बारे में बताया जब शेयर प्राइस नीचे गिर जाते हैं।
हिंडनबर्ग ने शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। शुक्रवार यानी 3 फरवरी को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1000 रुपए के करीब पहुंच गया था। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई।
रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को ग्रुप ने आधा किया
अडाणी ग्रुप ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को आधा कर दिया है। ब्लूमबर्ग ने मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा कि अडाणी ग्रुप अगले वित्तीय वर्ष के लिए 15% से 20% की रेवेन्यू ग्रोथ के लिए टारगेट कर रहा है, जो ओरिजिनल टारगेट 40% से कम है। गौतम अडानी की कंट्रोल्ड लिस्टेड कंपनियों को 24 जनवरी को हिंडरबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से मार्केट वैल्यू में 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
टॉप 20 से बाहर हुए अडाणी
अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में गिरावट के चलते शुक्रवार को अडाणी ग्रुप के चेचरमैन गौतम अडाणी की नेटवर्थ गिरकर 4.78 लाख रुपए (58 अरब डॉलर) पर आ गई। यह एक दिन पहले तक 60 अरब डॉलर के ऊपर थी। अडाणी की नेटवर्थ में शुक्रवार को 19.80 हजार रुपए (2.4 अरब डॉलर) की गिरावट आई। इस गिरावट के चलते वो फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट में 17वें नंबर से खिसककर 22वें नंबर पर आ गए हैं।
अडाणी ग्रुप के सभी स्टॉक्स में आज Yr गिरावट है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज में 2% से ज्यादा की गिरावट है। पोर्ट का शेयर करीब 1.5% नीचे है। वहीं अडाणी विल्मर, पावर, टोटल गैस, ट्रांसमिशन, एनडीटीवी में 5% की गिरावट है। ग्रुप की सीमेंट कंपनी ACC और अंबुजा करीब 2% गिरे हैं।
इससे पहले शुक्रवार को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 3.78% की गिरावट के साथ 1,853 रुपए पर बंद हुए। अडाणी विल्मर 1.21% गिरा। इसके अलावा अडाणी ट्रांसमिशन, टोटल गैस, पावर और ग्रीन में 5-5% की गिरावट देखी गई थी।